ऋषिकेश में कहां लापता हो गया MP का इंजीनियर? मोहन यादव ने CM धामी से मांगी मदद

हेमंत सोनी उम्र 30 वर्ष निवारी जिले के पृथ्वीपुर इलाके का एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर है। वह अपने दोस्तों के साथ ऋषिकेश गया था। जानकारी के अनुसार 16 अक्टूबर को हेमंत बजरंग सेतु पुल से गंगा नदी में गिर गया था।

मध्य प्रदेश के निवाड़ी के रहने वाले एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर के साथ उत्तराखंड के ऋषिकेश में हादसा हो गया। हेमंत सोनी नाम के इस शख्स के साथ ऋषिकेश घूमने के दौरान संतुलन बिगड़ा और वह पुल के नीचे गंगा नदी में गिर गया, जिसके बाद से वह लापता है। शख्स को खोजने के लिए सीएम मोहन यादव ने खुद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को फोन कर मदद मांगी है।

हेमंत सोनी उम्र 30 वर्ष निवाड़ी जिले के पृथ्वीपुर इलाके का एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर है। वह अपने दोस्तों के साथ ऋषिकेश गया था। जानकारी के अनुसार 16 अक्टूबर को हेमंत बजरंग सेतु पुल से गंगा नदी में गिर गया था। बचाव दल और स्थानीय पुलिस ने खोज अभियान शुरू कर दिया है, लेकिन नदी का तेज बहाव इस प्रयास में बाधा डाल रहा है। एक आधिकारिक बयान के अनुसार,मुख्यमंत्री मोहन यादव ने रविवार रात को फोन पर धामी से बात की और उनसे आग्रह किया कि नेशनल डिजास्टर रिस्पांस फोर्स (NDRF) और अन्य बचाव एजेंसियों की ओर से लापता युवक को खोजने के लिए तुरंत कार्रवाई सुनिश्चित की जाए।

मुख्यमंत्री मोहन यादव ने यह अपील तब की जब लापता युवक के परिवार और स्थानीय विधायक ने उनसे खोज में मदद करने की गुहार लगाई। हेमंत के चाचा,भरत सोनी ने मुख्यमंत्री से निवेदन करते हुए एक वीडियो भी जारी किया। उन्होंने वीडियो में कहा,”माननीय मुख्यमंत्री जी कृपया मेरी मदद करें। मेरा भतीजा 16 अक्टूबर को ऋषिकेश गया था। रात को वह बजरंग सेतु पुल से गंगा नदी में गिर गया। चार दिन बीत चुके हैं,लेकिन उसका अब तक कोई पता नहीं चला है।”

भरत सोनी ने आगे कहा,”हम चाहते हैं कि हमारा भतीजा सुरक्षित घर वापस आ जाए। सरकार हेलीकॉप्टर से खोज करवाए या NDRF से,हम चाहते हैं कि वह मिल जाए। वह हमारे घर का इकलौता चिराग है।” हेमंत सोनी अपने एक दोस्त और एक चचेरे भाई के साथ ऋषिकेश गया था। लापता युवक के चचेरे भाई,अमित सोनी ने बताया कि हेमंत अपने दोस्त अक्षय सेठ के साथ 14 अक्टूबर को पृथ्वीपुर से निकला था। अमित सोनी 15 अक्टूबर को दिल्ली में उन दोनों के साथ शामिल हो गया था।

अमित सोनी ने बताया कि हरिद्वार में एक दिन रुकने के बाद वे तीनों 16 अक्टूबर की शाम को ऋषिकेश पहुंचे थे। उन्होंने बताया कि रात करीब 9 बजे वे लक्ष्मण झूला के पास बजरंग सेतु पुल पर गए थे। यह पुल निर्माण कार्य के अधीन था और वहां कोई सुरक्षा गार्ड मौजूद नहीं था। हेमंत को एक फोन आया और वह बात करते हुए थोड़ा आगे चला गया। अचानक उन्हें उसके गिरने की आवाज सुनाई दी।

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