गंगा अपने उद्गम से ही हो रही सीवर से प्रदूषित। एनजीटी की रिपोर्ट में आया सामने।

एनजीटी अध्यक्ष न्यायमूर्ति प्रकाश श्रीवास्तव की पीठ ने हस्तक्षेप करने वाले आवेदकों में से एक के वकील की दलीलों पर गौर किया, जिन्होंने राज्य की रिपोर्ट का हवाला देते हुए बताया कि गंगोत्री में 1 मिलियन लीटर प्रतिदिन एमएलडी क्षमता वाले सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट एसटीपी से एकत्र किए गए नमूने में 540/100 मिलीलीटर की सबसे संभावित संख्या एमपीएन वाला फेकल कोलीफाॅर्म पाया गया था।
गंगा में प्रदूषण पर उत्तराखण्ड सरकार की रिपोर्ट में चैकाने वाला खुलासा हुआ है। इस रिपोर्ट में राष्ट्रीय हरित अधिकरण एनजीटी को जानकारी दी गई कि गंगा में प्रदूषण की रोकथाम और नियंत्रण के बारे में कार्यवाही के दौरान यह दलील दी गई। एनजीटी ने पहले राज्य और अन्य से रिपोर्ट मांगी थी।

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