द्रोणा महोत्सव का हुआ आगाज,देश के लगभग 12 राज्यों से हैन्डीक्राफ्ट , जूट उद्योग , हथकरघा, अन्य कलाकार और कृषि आधारित उद्योग।
भारतीय ग्रामोत्थान संस्था की ओर से देहरादून में द्रोण महोत्सव 2025 का आयोजन किया जा रहा है। ये मेला सहस्त्रधारा रोड स्थित आशाराम बापू आश्रम के सामने लगाया जाएगा। द्रोण महोत्सव मेला 7 जनवरी से 16 जनवरी तक आयोजित किया जाएगा। इस मेले में देश के लगभग 12 राज्यों से बुनकर और हस्तशिल्प प्रतिभाग कर रहे है। इनके द्वारा बनाए गए विभिन्न हैन्डीक्राफ्ट उत्पाद मेले में प्रदर्शित किये जाएंगे। ये उत्पाद बिक्री के लिए प्रदर्शित होंगे, जिन्हे आम जनता के सामने आत्मनिर्भर भारत का संदेश देने के लिए भी सजाया जाएगा। भारतीय ग्रामोत्थान संस्था के प्रभारी अनिल चंदोला ने बताया कि इस मेले में उत्तराखण्ड के महिला स्वयं सहायता समूहों के द्वारा प्राकृतिक रेशों से बने विभिन्न प्रकार के हस्तशिल्प उत्पादो को प्रदर्शित किया जाएगा।
विशेष वार्ता में भारतीय ग्रामोत्थान संस्था के प्रभारी अनिल चंदोला ने बताया कि आज द्रोणा महोत्सव का पहला दिन है जिसमे बुनकरो और हस्तशिल्पीयों द्वारा बनाए गए विभिन्न प्रकार के हैन्डीक्राफ्ट उत्पादो मेले मे बीड्स क्राफ्ट, लैदर क्राफ्ट, कैंडल क्राफ्ट, हैंड प्रिंटेड टेक्सटाईल, इम्ब्रौइड्री, ज़री क्राफ्ट, कारपेट्स मेकिंग, मेटल वेयर, आर्टिस्टिक ज्वैलरी, फोल्क पेंटिग, ग्रास क्राफ्ट,भीमल,कंङाली, मिलेटस , फ़नीचर, खाद्य सामग्री में मशहूर बीकानेर नमकीन आचार पापड़ । वेस्ट बंगाल के कांथा शिल्क साड़ी दुपट्टा ड्रेस मार्टियल के कपड़े इत्यादि अनेक प्रकार के उत्पाद ये उत्पाद प्रर्दशनी के साथ-साथ उचित दामों पर बिक्री के लिए भी उपलब्ध रहेंगे। मेले में आए लोगों के मनोरंजन के लिए विभिन्न प्रकार के सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन भी होगा। साथ ही बच्चों बड़ों के लिए झूले, विभिन्न फूड स्टाल भी लगाए गए है। साथ ही मशहूर कर्नाटक आदिवासी हेयर ऑयल वाले भी आकर्षण का केंद्र रहेंगे ।ये मेला हाथ से बने स्वदेशी उत्पादों को प्रचार कर आत्मनिर्भर भारत का संदेश देगा। लोगों ने फूड व्यंजन का भी भरपूर आनंद लिया । कालीन एवं कार्पेट स्टाल में तथा कश्मीरी कपड़ों के स्टाल में भी खरीदार देखे गए।