होली सिर्फ एक त्योहार नहीं, बल्कि खुशियों, रंगों और उमंग से भरा एक एहसास है। लेकिन इस रंगों के त्योहार में अगर सावधानी न बरती जाए, तो यह खूबसूरत दिन आपकी त्वचा के लिए परेशानी का कारण भी बन सकता है। मिलावटी रंगों में मौजूद केमिकल्स जैसे लेड ऑक्साइड, मरकरी और सिल्वर ब्रॉमाइड त्वचा को गंभीर रूप से नुकसान पहुंचा सकते हैं। इसलिए होली खेलते समय प्राकृतिक और हर्बल रंगों का ही उपयोग करना चाहिए, जो न सिर्फ त्वचा के लिए सुरक्षित होते हैं, बल्कि पर्यावरण के लिए भी अनुकूल हैं।
होली से पहले अपनाएं ये खास उपाय
हिमालयन अस्पताल की त्वचा रोग विशेषज्ञ डॉ. रश्मि जिंदल के अनुसार, होली खेलने से पहले त्वचा की सुरक्षा बहुत जरूरी है। इसके लिए कुछ आसान लेकिन प्रभावी उपाय अपनाए जा सकते हैं—
तेल से करें त्वचा की सुरक्षा: होली खेलने से पहले चेहरे और पूरे शरीर पर नारियल तेल, जैतून का तेल या कोई भी अच्छा मॉइस्चराइज़र लगाएं। इससे त्वचा पर एक सुरक्षात्मक परत बन जाती है, जिससे रंगों के केमिकल सीधे त्वचा में नहीं घुसते।
नाखूनों की करें सुरक्षा: नाखूनों को रंगों से बचाने के लिए उन पर गहरा नेल पॉलिश लगाएं। इससे न केवल नाखून सुरक्षित रहेंगे, बल्कि रंग भी आसानी से छूट जाएगा।
बालों का रखें खास ध्यान: बालों को नुकसान से बचाने के लिए नारियल या सरसों का तेल लगाकर उन्हें ढक लें। यह तेल बालों को रूखापन और रंगों के हानिकारक प्रभाव से बचाने में मदद करता है।
रंगों के बाद त्वचा की देखभाल कैसे करें?
होली खेलने के बाद रंगों को साफ करने के लिए साबुन की जगह माइल्ड फेस वॉश या बेसन और दही का मिश्रण इस्तेमाल करें। इससे त्वचा कोमल बनी रहेगी और किसी भी तरह की एलर्जी से बचा जा सकेगा।
अगर होली खेलने के बाद त्वचा में खुजली, लाल चकत्ते या सूजन हो जाए और यह समस्या 24 घंटे से ज्यादा बनी रहे, तो बिना देर किए त्वचा विशेषज्ञ से संपर्क करें।
प्राकृतिक रंगों से बढ़ाएं होली का आनंद
आजकल बाजार में तरह-तरह के केमिकल युक्त रंग उपलब्ध हैं, जो त्वचा और बालों के लिए हानिकारक हो सकते हैं। इसलिए होली खेलने के लिए घर पर ही हल्दी, चंदन, टेसू के फूल और गुलाब की पंखुड़ियों से बने प्राकृतिक रंगों का इस्तेमाल करें। इससे न केवल आपकी त्वचा सुरक्षित रहेगी, बल्कि आप पर्यावरण संरक्षण में भी अपना योगदान दे पाएंगे।