उत्तराखंड में भारतीय जनता पार्टी की धामी सरकार की तरफ से कुछ जगहों के नाम बदलने का एलान किया गया है, जिसके बाद राजनीतिक बयानबाज़ी तेज हो गई है.
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने 15 जगहों के नाम बदलने की घोषणा की है. जिन जगहों के नाम बदले गए हैं उनमें से अधिकतर के नाम मुस्लिम शब्दावली से जुड़े हुए थे.
उत्तराखंड में जगहों के नाम बदले जाने पर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता हरीश रावत ने इसकी आलोचना की है.
हरीश रावत ने कहा है, “जनता का ध्यान भटकाने के लिए यह नाम बदलने का ढोंग किया जा रहा है.”
क्या कह रहे हैं विपक्षी दल के नेता

समाजवादी पार्टी के प्रमुख और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने एएनआई से कहा है, “उत्तराखंड का नाम उत्तर प्रदेश-2 कर दीजिए.”
कांग्रेस के प्रदेश उपाध्यक्ष सूर्यकांत धस्माना ने कहा है, “यह केवल ध्रुवीकरण की राजनीति है और इससे किसी भी प्रकार से राज्य की जनता का कोई भला नहीं होने वाला है.”
धस्माना ने कहा है, “उत्तर प्रदेश की तरह ही उत्तराखंड सरकार भी उसी रास्ते पर चल रही है. क्या नाम बदलने से प्रदेश में बेरोज़गारी दूर हो जाएगी!”
उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा है, “हम न पक्ष में हैं ना विपक्ष में हैं. हम बस इतना कहना चाह रहे हैं कि नाम बदलना ही भारतीय जनता पार्टी का एजेंडा हो गया है. क्योंकि इनके पास काम बताने के लिए कुछ भी नहीं है. पिछले आठ-साढ़े आठ साल घोर विफलता के वर्ष रहे हैं.”
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री धामी ने क्या कहा?

31 मार्च को उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने हरिद्वार, नैनीताल और उधम सिंह नगर ज़िलों में कुछ स्थानों के नाम बदलने की घोषणा की थी.
मुख्ममंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा है, “लोगों को लंबे समय से प्रतीक्षा थी कि उन जगहों के नाम लोगों की जनभावनाओं के अनुरूप होना चाहिए. वहां की संस्कृति के अनुरूप होना चाहिए.”
उन्होंने कहा है, “उन क्षेत्रों के जो महापुरुष रहे हैं, जिनका उस क्षेत्र की संस्कृति में योगदान रहा है उन पर होना चाहिए. जो हमारे राज्य का स्वरूप है देवभूमि, उसके अनुरूप होना चाहिए. लोगों की जनभावनाओं के अनुरूप सभी के जो सुझाव आए थे, उसके अनुरूप इन जगहों के नामों की घोषणा की गई है, जिसका लोगों ने स्वागत किया है.”
क्या है पूरा मामला

31 मार्च की शाम को उत्तराखंड के कुछ जिलों में कई जगहों के नाम बदलने की घोषणा की गई, जिसके अनुसार.
- हरिद्वार-
- औरंगज़ेबपुर- शिवाजी नगर
- गाज़ीवाली- आर्य नगर
- चांदपुर- ज्योतिबा फुले नगर
- मोहम्मदपुर जट- मोहनपुर जट
- ख़ानपुर कुर्सली- अंबेडकर नगर
- इंदरीशपुर- नंदपुर
- ख़ानपुर- श्री कृष्णपुर
- अकबरपुर फाजलपुर- विजयनगर
- देहरादून-
- मियांवाला- रामजीवाला
- पीरवाला- केसरी नगर
- चांदपुर खुर्द- पृथ्वीराज नगर
- अब्दुल्लापुर- दक्ष नगर
- नैनीताल-
- नवाबी रोड- अटल मार्ग
- पनचक्की से आईटीआई मार्ग- गुरु गोवलकर मार्ग
- उधमसिंह नगर-
- नगर पंचायत सुल्तानपुर पट्टी- कौशल्या पुरी
पहले भी बदले गए हैं जगहों के नाम
साल 2018 में उत्तर प्रदेश में बीजेपी सरकार के मुख्यमंत्री योगी आदित्यानाथ ने इलाहाबाद शहर का नाम बदलकर प्रयागराज कर दिया था. साथ ही उन्होंने फैजाबाद जिले का नाम बदलकर श्री अयोध्या कर दिया था.
साल 2015 में दिल्ली नगर पालिका परिषद ने औरंगज़ेब रोड का नाम बदलकर एपीजे अब्दुल कलाम रोड कर दिया गया था. साल 2016 में गुड़गांव का नाम बदलकर गुरुग्राम किया गया.
साल 2018 में बनारस के पास मौजूद मुगल सराय स्टेशन का नाम बदल पंडित दीन दयाल उपाध्याय किया गया था. साल 2023 में राष्ट्रपति भवन में स्थित मुगल गार्डन का नाम बदलकर अमृत उद्यान किया गया था.
महाराष्ट्र में गठबंधन की बीजेपी सरकार ने औरंगाबाद और उस्मानाबाद का नाम बदलकर छत्रपति संभाजी नगर और धाराशिव नगर किया था.