लगातार तीन दिन की छुट्टी के कारण ऋषिकेश में पर्यटकों की भारी भीड़ उमड़ी जिससे शहर में भयंकर जाम लग गया। हरिद्वार से ऋषिकेश पहुँचने में पाँच घंटे से ज़्यादा लग गए क्योंकि हर सड़क वाहनों से भरी हुई थी और गलियों में भी जाम लग गया था। पुलिस यातायात को सुचारू करने के लिए लगातार प्रयास कर रही है लेकिन वाहनों का आना जारी है।
लगातार तीन दिन अवकाश के चलते तीर्थनगरी पूरी तरह वाहनों से पैक हो गई। शहर के मुख्य मार्गों से लेकर गलियों में भी जाम लग गया। हरिद्वार से ऋषिकेश पहुंचने में पांच घंटे से अधिक तक का समय लगा।
हरिद्वार बाईपास मार्ग पर खांड गांव से लेकर इंद्रमणि बड़ोनी चौक तक तीन किलोमीटर में वाहन इंच-इंच आगे खिसके। ढाई से तीन घंटे तक लोग जाम में फंसे रहे। शाम तक वाहनों के आने वाले वाहनों की कतार नहीं टूटी। जबकि वापसी करने वाले वाहन बेहद कम थे। ढालवाला से लेकर तपोवन तक जबरदस्त जाम लगा रहा।
शुक्रवार से ही शहर में वाहनों के आने का सिलसिला शुरू हो गया था। दरअसल, शनिवार से सोमवार तक तीन दिन का लगातार अवकाश है। दिल्ली एनसीआर और पश्चिम यूपी से राफ्टिंग करने के लिए लोग बड़ी संख्या में पहुंचे। अधिकांश लोगों की होटल, कैंपों में बुकिंग तपोवन और शिवपुरी में थी।
सुबह दस बजे ही वाहनों कतार इंद्रमणि बड़ोनी चौक से लेकर एआरटीओ कार्यालय तक पहुंच गई थी। दोपहर एक बजे तक यह कतार खांड गांव तक पहुंच गई। खांड गांव से इंद्रमणि बड़ोनी चौक करीब तीन किलोमीटर दूर है। इसके बीच के गौरा देवी चौक पर भी जबरदस्त जाम रहा। वाहन इंच-इंच आगे खिसक रहे थे। ढालवाला और तपोवन में वाहनों का दबाव बहुत अधिक था। इससे इंद्रमणि बड़ोनी चौक से पुलिस ने वाहन नहीं छोड़े।
ढालवाला में जब वाहन बिल्कुल आगे नहीं निकल पा रहे थे, तब चालक गलियों में वाहन लेकर चले गए। इससे गलियां भी पैक हो गई। इंद्रमणि बड़ोनी चौक के आसपास की गलियों में तिपिहया वाहनों के पीछे पर्यटकों ने अपने वाहन लगा दिया।
हरिद्वार से आए नितिन कुमार, अजय, बीरपाल ने बताया कि नीलकंठ दर्शन के लिए आए थे। सुबह आठ बजे हरिद्वार से चले। पांच घंटे बाद ऋषिकेश पहुंच पाए। सामान्य दिनों में करीब पौना घंटे का समय लगता है। हरिद्वार से आने वाले वाहनों को बीच-बीच में नेपाली फार्म से डायवर्ट किया गया। इसके बाद भी व्यवस्था नहीं सुधरी।
यू-टर्न कराकर टिहरी मार्ग पर भेजे वाहन
इंद्रमणि बड़ोनी चौक पर भारी जाम रहा। देहरादून रोड की ओर बस अड्डे की ओर जाने वाली सड़क तक यह जाम पहुंच गया। इसके बाद पुलिस ने देहरादून रोड से आकर टिहरी जाने वाले वाहनों को करीब सौ मीटर आगे यू-टर्न कराया। इन वाहनों को पहले से खड़े वाहनों के पीछे लगाया। तपोवन में भी स्थिति बेहद खराब रही। यहां भी वाहन किसी तरह आगे सरके।
दो घंटे जाम में फंसने के बाद वापस लौटे पर्यटक
पंजाब से हरिद्वार घूमने आया 25 यात्रियों के एक दल ने ऋषिकेश घूमने के लिए हरिद्वार से बस की बुकिंग की थी। करीब दो घंटे तक वह इंद्रमणि बड़ोनी चौक पर फंसे रहे। बस के अंदर बैठे-बैठे परेशान यात्री बाहर उतर आए। दोपहर डेढ़ बजे के आसपास वह थोड़ी-थोड़ी देर में वह पुलिस से जाम की स्थिति को लेकर पूछते। पुलिस आगे जाम होने की बात कहती। दल के सदस्य रघुवीर ने कहा कि बस को मुड़ने की जगह मिलने पर वह यहीं से वापस लौट जाएंगे। कम से कम हरिद्वार तो घूम लेंगे।
आटो चालकों ने बच्चों को लाने से किए हाथ खड़े
शहर के अंदर भी जमा लगा था। कई अभिभावकों ने बच्चों को स्कूल छोड़ने और लाने के लिए आटो लगाया है। कई आटो चालकों ने जाम का हवाला देकर छुट्टी के समय बच्चों को लाने से हाथ खड़े कर दिए। इसके बाद अभिभावक दुपहिया वाहन से बच्चों को लेने गए। जो बच्चे आटो से आए उन्हें घर आने में अन्य दिनों की अपेक्षा आधे घंटे से अधिक का समय लगा।
शहर के अंदर सहित बाईपास पर लगे जाम में एबुलेंसें भी दिन भर फंसती रही। चंद्रभागा पुल से यात्रा बस अड्डे की ओर जाने वाले मार्ग पर एक एंबुलेंस फंसी रही। एंबुलेंस चालक रास्ता देने के लिए साइरन बजाता रहा। लेकर सड़क पूरी तरह से पैक थी। इसके साथ ही दिन भर अलग-अलग जगह रास्ता पाने के लिए एंबुलेंसों के सायरन गूंजते रहे।
क्या कहते हैं अधिकारी
याताायत प्रभारी निरीक्षक थाना मुनिकीरेती उमा दत्त सेमवाल का कहना है कि वाहनों का दबाव बहुत अधिक है। बाईपास मार्ग से वन-वे की व्यवस्था की गई। गलियों में भी पर्यटकों ने वाहन पहुंचे। जरूरत के आधार पर बैरिकेडिंग की गई है। यातायात प्रभारी ऋषिकेश अनवर खान का कहना है कि लगातार वाहन आ रहे हैं। वाहनों की वापसी नहीं है। हरिद्वार से आने वाले वाहनों को बीच-बीच में नेपाली फार्म से डायवर्ट किया गया। यातायात प्रभारी थाना लक्ष्मणझूला अमित भट्ट ने बताया कि बैराज से वाहनों को एंट्री नहीं दी गई। इस मार्ग से वापसी के वाहन भेजे गए। घट़टूगाड़ में बेतरतीब लगाए गए वाहन हटाए गए।