देहरादून में आयोजित द्रोण महोत्सव 2025 का शुक्रवार को समापन हो गया है। जिसमें देश के 12 जिले से हस्तशिल्पियों से प्रतिभाग किया था।
इस मेले का मुख्य आर्कषण विभिन्न प्रकार के हैन्डीक्राफ्ट उत्पाद रहे। इन उत्पादो की विशेषता यह है कि ये प्राकृतिक रेशों व सामाग्री से बनाए जाते है। मेले में विभिन्न प्राकर के स्वादिष्ट व्यंजन और रोमांचक झूलों ने भी लोगोें को आर्कषित किया।
विशेष वार्ता में मेले के आयोजनकर्ता अनिल चंदोला ने कहा कि हमारा उद्देश्य है कि खाली हाथों को रोजगार दें, इसलिए हम स्किल्स पर काम करते हैं। उन्होंने कहा कि हमने इस महोत्सव का नाम द्रोण इसलिए दिया क्योंकि देहरादून को पहले द्रोणनगरी कहा जाता था और गुरु द्रोण हमें कौशल पर काम करने की शिक्षा देते थे। उन्होंने बताया कि इस महोत्सव में उत्तराखंड के नेचुरल फाइबर पर काम करने वाले अर्टिजन्स पहुंचे हैं जिनमें कोलकाता से भी अर्टिजन आए हैं।
द्रोण महोत्सव में घूमने आए देहरादून के स्थानीय निवासी सुरेंद्र सिंह नेगी ने कहा कि इस तरह के आयोजन शहर में होते रहने चाहिए ताकि हमारी पीढ़ी अपनी पुरानी कलाओं को जान सके।