रेस कोर्स, देहरादून के श्री गुरु नानक महिला इण्टर कॉलेज खेल मैदान में नाबार्ड के सहयोग से भारतीय ग्रामोत्थान संस्था द्वारा आयोजित नाबार्ड हस्तशिल्प मेले का आज तीसरा दिन था | आज मेले में डीजीएम नाबार्ड श्रीमान अलोक गोता जी ने प्रतिभाग किया | डीजीएम अलोक गुप्ता जी और अन्य अधिकारियों ने मेले में लगी हस्तशिल्पियों की स्टॉल्स का निरीक्षण कर उनसे रूबरू हुए । 1 नवंबर से शुरू हुआ मेला 8 नवंबर तक रेसकोर्स, श्री गुरु नानक महिला इण्टर कॉलेज खेल मैदान में नाबार्ड हस्तशिल्प मेले का आयोजन किया गया है। बताते चलें कि राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक (नाबार्ड) ने बुनियादी ढांचे के वित्तपोषण, संस्थान निर्माण और विकासात्मक पहलों के माध्यम से प्रभावशाली हस्तक्षेप के 4 दशक पूरे कर लिए हैं। नाबार्ड ने कृषि – वित्त, बुनियादी ढांचे के विकास, बैंकिंग प्रौद्योगिकी, एसएचजी और जेएलजी, एफपीओ, ओएफपीओ और अन्य के माध्यम से माइक्रोफाइनेंस और ग्रामीण उद्यमिता को बढ़ावा देकर भारतीय गांवों में जीवन बदल दिया है। उत्तराखंड राज्य सहित देश के विभिन्न हिस्सों से कारीगरों द्वारा अपने राज्य के प्रमुख हस्तशिल्प उत्पादों सहित हस्तशिल्प मेले में सहभागिता कर रहे हैं। हस्तशिल्प मेले में 8 दर्जन से ज्यादा स्टॉल लगाए गए हैं। मेले में विभिन्न उत्पाद जैसे- कश्मीर का पश्मीना शाल, हिमाचल प्रदेश का गिलोय मिश्रित अचार तथा हिमाचली टोपी, झारखंड की जादोपटिया तथा सोहराय चित्रकारी, कर्नाटक बीड आभूषण, मध्यप्रदेश के बाग प्रिंट उत्पाद, पंजाब के फुलकारी सूट, राजस्थान के बागरु हैंड ब्लॉक प्रिंट (जीआई) उत्पाद , तेलंगाना के कढ़ाईगीरी उत्पाद, उत्तरप्रदेश के टेराकोटा तथा जूट उत्पाद, हरियाणा की जयपुरी रज़ाई तथा सुजनी आदि मुख्य आकर्षण के रूप में उपलब्ध है।
मेले में प्रदर्शनी तथा बिक्री में देश भर के हस्तशिल्पि अपनी गतिविधियों में व्यस्त हैं इसके साथ ही कुछ हस्तशिल्प मौके पर ही अपने उत्पाद बना रहे हैं। इस अवसर पर डीजीएम आलोक गुप्ता,के साथ सेवानिवृत सीजीएम, एजीएम एचपी चंदेल, डीजीएम सुमेर चंद,ग्रामीण बैंक , पशुपालन विभाग के अधिकारी और भारतीय ग्रामोत्थान संस्थान के प्रभारी श्री अनिल चंदोला, अतुल चंदोला उपस्थित रहे।