भानियावाला।भुइयां मन्दिर में चल रही श्रीमद् भागवत कथा में आचार्य पण्डित प्रदीप नौटियाल महाराज ने बताया जब गौ रूपी पृथ्वी पर जब पापियों का पापचार बढ़ता है,जब दुराचार बढ़ता तब भगवान को उस गौ रूपी धरा का दु:खऔर कष्ट दूर करने के लिए इस धरा धाम पर अवतरित होना ही पड़ता है। भागवत जी की चतुर्थ दिवस की कथा में पूज्य महाराज श्री ने भगवान सच्चिदानंद परमात्मा भगवान राधा रमन बाल मुकंद के जन्म की कथा के बारे मैं सभी वैष्णव भक्तों को अनेक भाव बताते हुए सभी भक्तो को बताया की भगवान आज भी हमारे जीवन प्रगट हो सकते हैं, पर उसके लिए हमे वसुदेव और देवकी की तरह भक्ति और उपासना के पथ पर चलके अपने जीवन में त्याग की भावना लाके अपने जीवन को सार्थक बना सकते हैं तभी हमारे घर भगवान बाल रूप मैं आ सकते हैं इस अवसर पर मन्दिर समिति की सभी पदाधिकारी एवं आचार्य रविंद्र बिजल्वाण, योगेश उनियाल, हेमंत जी महेश सैनी, सुरभि जी किरण जी अंजु जी सुमित्रा मनवाल सहित बड़ी संख्या गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे।