तेजी से ग्लेशियर पिघलने से नदियों में प्रवाह बढ़ता हुआ । जल विद्युत को मिला बढ़ावा

उत्तराखंड के ऊपरी इलाकों में असामान्य रूप से उच्च तापमान के कारण ग्लेशियर तेजी से पिघल रहे हैं, जिसके परिणामस्वरूप नदियों में जल स्तर बढ़ गया है। हालांकि पर्यावरणविदों ने चिंता जताई है, लेकिन यह विकास उत्तराखंड जल विद्युत निगम लिमिटेड (यूजेवीएनएल) के लिए फायदेमंद साबित हुआ है, क्योंकि पिछले साल की तुलना में जल विद्युत उत्पादन में वृद्धि हुई है।यू0जे0वी0एन0एल0 (UJVNL) द्वारा साझा किए गए आंकड़ों के अनुसार, मई 2023 के अंतिम सप्ताह में संचयी बिजली उत्पादन 101.3 मिलियन यूनिट (एमयू) था, जो इस साल बढ़कर 114.6 एमयू हो गया, इसके बावजूद कि इसके दो संयंत्र मानसून सीजन से पहले वार्षिक रखरखाव के लिए बंद थे।आंकड़ों से पता चला कि 25 मई, 2023 को पनबिजली संयंत्रों द्वारा बिजली 18.2 एमयू थी, जो इस साल उसी दिन बढ़कर 19.6 एमयू हो गई। इसी तरह, 26 मई 2023 को यह 18.6 म्यू था, जबकि इस साल 26 मई को यह 19.7 म्यू था। 27 मई, 2023 को यह 16.7 म्यू था, जो 27 मई, 2024 को 20.29 म्यू था। 28 मई, 2023 को यह 15.3 म्यू था, जो इस साल इसी दिन बढ़कर 18.8 म्यू हो गया। 29 मई, 2023 को यह 15.5 म्यू था, जबकि इस साल इसी तारीख को यह   19.2 म्यू था और 30 मई, 2023 और 30 मई, 2024 को यह क्रमशः 16 म्यू और 16.9 म्यू था।आंकड़ों से यह भी पता चलता है कि इस साल मई में यू0जे0वी0एन0एल0 (UJVNL) के संयंत्रों से पानी का डिस्चार्ज 1,132 क्यूबिक मीटर प्रति सेकेंड था, जो पिछले साल के इसी महीने की तुलना में 159 क्यूबिक मी0 अधिक है।

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