चीनी कंपनी डीपसीक के एआई-पावर्ड चैटबॉट ने अमेरिका में धमाल मचा दिया है.
अमेरिका में जनवरी के आँकड़ों के मुताबिक़ ये एपल के स्टोर से सबसे ज़्यादा मुफ़्त डाउनलोड होने वाला ऐप बन गया है. इस ऐप की कम समय में इतनी चर्चा की वजह इसका अमेरिका स्थित एआई कंपनियों की तुलना में कम लागत का होना है.
एआई चैटबॉट डीपसीक के उदय ने अमेरिका की वॉल स्ट्रीट में भूचाल ला दिया है. चिप मेकर कंपनी एनवीडिया की 600 अरब डॉलर से अधिक की मार्केट वैल्यू घट गई है.
इस ऐप के पीछे रहे रिसर्चरों का कहना है कि इसे बनाने में सिर्फ़ 60 लाख डॉलर की लागत आई है जो कि अमेरिका में एआई कंपनियों के अरबों डॉलर के ख़र्चों से काफ़ी कम है.
डीपसीक क्या है?

डीपसीक एक चीनी आर्टिफ़िशियल इंटेलिजेंस कंपनी है, जिसका गठन चीन के दक्षिण पूर्वी शहर हांगचो में हुआ है.
मोबाइल ऐप के मार्केट इंटेलिजेंस प्लेटफ़ॉर्म सेंसर टावर के मुताबिक़, जुलाई 2023 में कंपनी को लॉन्च किया गया था लेकिन इसके चर्चित एआई असिस्टेंट ऐप को अमेरिका में 10 जनवरी तक रिलीज़ नहीं किया गया था.
डीपसीक के संस्थापक कौन हैं?
लिआंग वेनफेंग ने हेज फ़ंड के ज़रिए निवेशक जुटाकर डीपसीक की शुरुआत की थी.
वो 40 वर्षीय एक इन्फ़ॉर्मेशन और इलेक्ट्रॉनिक इंजीनियरिंग ग्रैजुएट हैं. कथित तौर पर उन्होंने एनवीडिया ए100 चिप्स के ज़रिए एक स्टोर बनाया था. हालांकि अब इसके चीन को निर्यात करने पर प्रतिबंध है.
विशेषज्ञों का मानना है कि तक़रीबन 50,000 चिप्स के कलेक्शन के ज़रिए उन्होंने डीपसीक लॉन्च किया. उन्होंने इन चिप्स को सस्ती और लोवर एंड चिप्स के साथ इस्तेमाल किया जो कि अब भी चीन में आयात होती हैं.
लिआंग को हाल ही में उद्योग के विशेषज्ञों और चीन के प्रधानमंत्री ली कियांग के साथ बैठक करते हुए देखा गया था.

कौन इस्तेमाल कर रहा है?
कंपनी का एआई ऐप उसकी वेबसाइट पर ऑनलाइन और ऐपल के ऐप स्टोर पर डाउनलोड के लिए उपलब्ध है.
ये सेवा मुफ्त है और ऐपल के स्टोर पर सबसे तेज़ी से डाउनलोड होने वाला ऐप बन गया है. हालांकि कुछ ऐसी रिपोर्टें भी हैं, जिनमें लोगों ने इसके साइन अप करने में दिक़्क़त आने का हवाला दिया है.
ये अमेरिका में एपल के ऐप स्टोर पर टॉप-रेटेड फ़्री ऐप भी बन गई है.
ऐप क्या करता है?
डीपसीक अपने ताक़तवर एआई असिस्टेंट को लेकर चर्चित हो चुका है जो कि चैटजीपीटी की तरह काम करता है.
ऐप स्टोर पर मौजूद इसके विवरण के अनुसार, इस तरह से डिज़ाइन किया गया है ताकि ‘आपके सवालों के जवाब दे सके और आपकी ज़िंदगी को आसान बनाए.’
इस ऐप पर एक यूज़र ने रेटिंग देते हुए टिप्पणी की है कि ‘यह लेखन को ख़ास विशेषता देता है.’
हालांकि जब इस चैटबॉट से बात की गई तो इसने कम से कम एक राजनीतिक रूप से संवेदनशील सवाल को टाल दिया.
जब बीबीसी ने ऐप से पूछा कि चार जून 1989 को तियानमेन स्क्वायर पर क्या हुआ था, तो डीपसीक ने जवाब दिया, “मुझे माफ़ करिए, मैं इस सवाल का जवाब नहीं दे सकता. मैं एक एआई असिस्टेंट हूं, जिसे मददगार और नुक़सान न देने वाला जवाब मुहैया कराने के लिए डिज़ाइन किया गया है.”

एनवीडिया जैसी अमेरिकी कंपनियों को क्यों नुक़सान हुआ?
डीपसीक ने कथित तौर पर अपनी अमेरिकी प्रतिद्वंद्वी कंपनियों की तुलना में बेहद कम यानी कुछ लाख डॉलर में इसे तैयार किया है. ये कामयाबी अमेरिका के एआई दबदबे के भविष्य पर भी सवाल खड़ा करती है.
संभवतः कंपनी के कम लागत होने की वजह से 27 जनवरी को वित्तीय बाज़ार में उथल-पुथल मच गई. टेक कंपनियों से भरे हुए अमेरिकी स्टॉक एक्सचेंज नैसडेक में तीन फ़ीसदी की गिरावट देखी गई.
इसका सबसे बुरा असर अमेरिका स्थित कंपनी एनवीडिया पर पड़ा जो ताक़तवर चिप्स बनाती है और एआई में उसका इस्तेमाल होता है.
सोमवार को उसने तक़रीबन 600 अरब डॉलर की अपनी मार्केट वैल्यू को गंवा दिया. ये अमेरिका के इतिहास में किसी कंपनी में एक दिन में आई सबसे बड़ी गिरावट है. दिन भर में उसके शेयर के दाम में 17 फ़ीसदी तक गिरावट देखी गई.
फ़ॉर्ब्स के मुताबिक़, बाज़ार पूंजी के लिहाज़ से एनवीडिया दुनिया की सबसे मूल्यवान कंपनी रही है लेकिन सोमवार को ये ऐपल और माइक्रोसॉफ़्ट के बाद तीसरे स्थान पर आ गई क्योंकि इसकी मार्केट वैल्यू 3.5 ट्रिलियन डॉलर से घटकर 2.9 ट्रिलियन रह गई.
डीपसीक एनवीडिया के ज़रिए बनाई गई चिप्स की तुलना में कम उन्नत की सेमीकंडक्टर चिप्स का इस्तेमाल करता है.
इसकी कामयाबी ने उस विश्वास को कमज़ोर किया है, जिसमें माना जाता है कि उन्नत एआई के लिए बड़ा बजट और उच्च तकनीक वाली चिप्स की ज़रूरत होती है.
हालांकि, इस घटना के बाद उच्च प्रदर्शन वाली चिप के भविष्य और इसकी आवश्यकता के बारे में भारी अनिश्चितता पैदा हो गई है.