ढ़ालवाला स्थित भारतीय ग्रामोत्थान संस्था में प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना के तहत स्वरोजगार जागरूकता कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम का उद्देश्य युवाओं और कारीगरों को स्वरोजगार के अवसरों से जोड़ना और उन्हें सरकारी योजनाओं का लाभ दिलाने के लिए आवश्यक जानकारी प्रदान करना था। कार्यशाला में 200 से अधिक प्रतिभागियों ने भाग लिया।
कार्यशाला का आयोजन भारत सरकार के सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम (MSME) मंत्रालय, विकास कार्यालय हल्द्वानी के सहयोग से किया गया। कार्यक्रम में MSME हल्द्वानी के सहायक निदेशक श्री अमित मोहन, जिला पंचायत अधिकारी टिहरी गढ़वाल श्री मुस्तफा खान, जिला उद्योग केंद्र टिहरी के महाप्रबंधक श्री एच सी हटवाल, एसबीआई ढालवाला बैंक के प्रबंधक श्री सुशील डिमरी और नगरपालिका परिषद मुनि की रेती की अधिशासी अधिकारी श्रीमती अंकिता जोशी मुख्य अतिथि के रूप से उपस्थित रहीं।
स्वरोजगार को बढ़ावा देने पर जोर
कार्यशाला में सहायक निदेशक श्री अमित मोहन ने प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना के अंतर्गत स्वरोजगार हेतु प्रशिक्षण प्राप्त करने की प्रक्रिया और इसके लाभों पर विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने बताया कि इस योजना का उद्देश्य स्थानीय कारीगरों, श्रमिकों और छोटे उद्यमियों को प्रशिक्षित कर उन्हें आत्मनिर्भर बनाना है।
विशेषज्ञों ने उद्यम स्थापना की प्रक्रिया पर भी प्रकाश डाला और बताया कि कैसे इच्छुक व्यक्ति सरकारी योजनाओं का लाभ उठाकर अपना व्यवसाय शुरू कर सकते हैं।
बैंक ऋण प्रक्रिया पर दी गई जानकारी
कार्यशाला में एसबीआई ढालवाला बैंक के प्रबंधक श्री सुशील डिमरी ने उद्यम स्थापना के लिए बैंक ऋण प्राप्त करने की प्रक्रिया को विस्तार से समझाया। उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना के तहत वित्तीय सहायता कैसे प्राप्त की जा सकती है और इसके लिए कौन-कौन से दस्तावेज आवश्यक होते हैं।
संस्था का सहयोग और कार्यक्रम संचालन
कार्यक्रम की अध्यक्षता भारतीय ग्रामोत्थान संस्था की अध्यक्षा श्रीमती गीता चंदोला ने की, जिन्होंने सभी अतिथियों और प्रतिभागियों का स्वागत किया।भारतीय ग्रामोत्थान संस्था के प्रभारी श्री अनिल चंदोला ने प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना की विस्तृत जानकारी साझा की और इसके लाभों के बारे में प्रतिभागियों को जागरूक किया। कार्यक्रम का संचालन संस्था के जनसंपर्क अधिकारी श्री एन. पी. कुकशाल ने किया।
उद्यमिता को मिलेगा बढ़ावा
इस कार्यशाला के माध्यम से स्थानीय युवाओं, कारीगरों और स्वरोजगार की राह पर अग्रसर लोगों को अत्यंत महत्वपूर्ण जानकारी प्राप्त हुई। विशेषज्ञों ने इस बात पर जोर दिया कि सरकारी योजनाओं का सही तरीके से उपयोग कर रोजगार के नए अवसर सृजित किए जा सकते हैं। कार्यशाला में शामिल प्रतिभागियों ने इस पहल की सराहना करते हुए कहा कि ऐसे कार्यक्रम समाज के आर्थिक विकास में सहायक होते हैं और रोजगार सृजन को बढ़ावा देते हैं।