विश्व रेडियो दिवस के अवसर पर रेडियो ऋषिकेश ने एक अनोखी पहल की और इसे एक यादगार दिन के रूप में मनाया। इस खास मौके पर रेडियो ऋषिकेश की टीम ने वैकुंठ वृद्ध आश्रम और महिला आश्रम का दौरा किया और वहां के बुजुर्गों के साथ यह दिन मनाया। कार्यक्रम में रेडियो ऋषिकेश की स्टेशन हेड रक्षा उपाध्याय, आर.जे. सोनिका लेखवार और तकनीकी प्रमुख अंकित रावत विशेष रूप से मौजूद रहे।
रेडियो का महत्व और उसकी भूमिका पर चर्चा
कार्यक्रम के दौरान रेडियो ऋषिकेश की टीम ने वृद्ध आश्रम के बुजुर्गों से संवाद किया और रेडियो के महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि रेडियो न केवल सूचना और मनोरंजन का एक महत्वपूर्ण माध्यम है, बल्कि यह समाज में जागरूकता फैलाने और लोगों को जोड़ने का भी एक प्रभावशाली जरिया है।
रेडियो ऋषिकेश की टीम ने बताया कि रेडियो कैसे मनोरंजन करता है, खबरें पहुंचाता है और लोगों को आपस में जोड़ता है। बुजुर्गों ने भी अपने अनुभव साझा किए और बताया कि कैसे रेडियो उनके बचपन और युवावस्था में मनोरंजन और ज्ञान का प्रमुख स्रोत हुआ करता था। उन्होंने कहा कि आज भी रेडियो की अहमियत बनी हुई है, खासकर उन लोगों के लिए जो डिजिटल दुनिया से बहुत ज्यादा जुड़े नहीं हैं।
सरकारी योजनाओं की जानकारी साझा की गई
इस अवसर पर रेडियो ऋषिकेश की टीम ने बुजुर्गों को सरकार द्वारा वरिष्ठ नागरिकों के लिए चलाई जा रही योजनाओं की विस्तृत जानकारी भी दी। उन्होंने अटल वयो अभ्युदय योजना के बारे में बताया, जिसके तहत बुजुर्गों को विभिन्न सुविधाएं दी जाती हैं, जैसे स्वास्थ्य सेवाएं, पेंशन योजनाएं और वरिष्ठ नागरिकों के लिए विशेष सहायता कार्यक्रम।
बुजुर्गों ने इस दौरान अपने विचार भी साझा किए और कई महत्वपूर्ण सवाल पूछे, जिनका रेडियो ऋषिकेश की टीम ने जवाब दिया। टीम ने बताया कि सरकार द्वारा बुजुर्गों के कल्याण के लिए कई योजनाएं लागू की गई हैं और रेडियो भी इन योजनाओं की जानकारी लोगों तक पहुंचाने में अहम भूमिका निभा रहा है।
बुजुर्गों को रेडियो गिफ्ट कर पुराने दिनों की यादें ताजा की गईं
कार्यक्रम के सबसे खास क्षण तब आए जब रेडियो ऋषिकेश की टीम ने वृद्धाश्रम में मौजूद बुजुर्गों को रेडियो सेट गिफ्ट किया। रेडियो प्राप्त कर बुजुर्गों के चेहरे खुशी से खिल उठे। उन्होंने कहा कि यह रेडियो उन्हें अपने पुराने दिनों की याद दिलाएगा, जब वे घंटों तक रेडियो सुनते थे और उससे मनोरंजन और जानकारी प्राप्त करते थे।
कई बुजुर्गों ने बताया कि वे बचपन और युवावस्था में रेडियो से गाने सुनते थे, समाचारों की जानकारी लेते थे और नाटक व कहानियों का आनंद लेते थे। अब, जब उन्हें फिर से रेडियो मिला है, तो वे अपने बीते हुए दिनों को फिर से जी पाएंगे।
रेडियो ऋषिकेश की अनोखी पहल को मिली सराहना
इस कार्यक्रम को वृद्धाश्रम के बुजुर्गों और वहां मौजूद अन्य लोगों ने बेहद सराहा। बुजुर्गों ने कहा कि रेडियो ऋषिकेश की टीम ने उन्हें फिर से यह एहसास दिलाया कि वे समाज के लिए महत्वपूर्ण हैं और उन्हें भुलाया नहीं गया है।
रेडियो ऋषिकेश की स्टेशन हेड रक्षा उपाध्याय ने कहा, “विश्व रेडियो दिवस पर यह आयोजन हमारे लिए खास है, क्योंकि रेडियो का असली मकसद ही समाज से जुड़ना और उसे जागरूक करना है। बुजुर्गों के साथ यह दिन बिताना हमारे लिए गर्व और खुशी की बात है।”
आर.जे. सोनिका लेखवार ने कहा, “रेडियो न सिर्फ एक सूचना का माध्यम है, बल्कि यह भावनाओं को जोड़ने का जरिया भी है। आज हमने देखा कि कैसे रेडियो की वापसी ने इन बुजुर्गों की आंखों में खुशी ला दी।”
रेडियो ऋषिकेश द्वारा आयोजित यह कार्यक्रम न केवल मनोरंजन और जागरूकता से जुड़ा था, बल्कि यह संवेदनशीलता और समाज के प्रति जिम्मेदारी का भी प्रतीक था। बुजुर्गों के साथ समय बिताकर, उन्हें योजनाओं की जानकारी देकर और रेडियो गिफ्ट करके रेडियो ऋषिकेश ने विश्व रेडियो दिवस को वाकई खास बना दिया।
यह पहल यह साबित करती है कि रेडियो का जादू आज भी बरकरार है और यह न केवल लोगों को जोड़ता है, बल्कि यादों और भावनाओं को भी जीवंत करता है।