शनिवार और रविवार को नीलकंठ मार्ग पर टूरिस्ट बस, ट्रकों के आने-जाने पर प्रतिबंध

सप्ताहांत पर जाम से निजात दिलाने के लिए थाना लक्ष्मणझूला पुलिस और संभागीय परिवहन विभाग कोटद्वार ने नीलकंठ मोटर मार्ग पर टूरिस्ट बस और ट्रकों के आवागमन पर प्रतिबंध लगा दिया है। शनिवार को इसका ट्रायल किया गया, जो सफल रहा। इस रूट पर नियमित चलने वाली सार्वजनिक परिवहन सेवा की बसों पर यह व्यवस्था लागू नहीं होगी।

सप्ताहांत (शनिवार और रविवार) पर यातायात का दबाव अधिक होने पर लक्ष्मणझूला और नीलकंठ मोटर मार्ग पर जाम की स्थिति रहती है। इस रूट पर पर्यटक गंगा नदी में राफ्टिंग करने के साथ ही कैंपिंग, आश्रम, मंदिर और नीलकंठ महादेव के दर्शन करने पहुंचते हैं। जिस कारण सप्ताहांत पर लक्ष्मणझूला क्षेत्र में वाहनों को दबाव बन जाता है।

लक्ष्मणझूला थाना पुलिस की ओर से सप्ताहांत पर यातायात प्लान तैयार कर पर्यटकों के लिए यातायात व्यवस्था बनाई गई है। गरुड़चट्टी से नीलकंठ तक सड़क मार्ग बहुत संकरा और पर्वतीय होने के कारण जाम की स्थिति बनी रहती है। लक्ष्मणझूला पुलिस और संभागीय परिवहन अधिकारी कोटद्वार की टीम ने शनिवार को गरुड़चट्टी तिराहे पर संयुक्त चेकिंग अभियान चलाया। टीम ने नीलकंठ जा रहे टूरिस्ट बस चालकों को बताया कि सप्ताहांत पर यातायात का आवागमन अधिक रहने से टूरिस्ट बसों और ट्रकों का परिवहन इस रोड पर रोका जा रहा हैं। सामान्य दिनों पर ही ऐसे वाहनों को इस मार्ग पर जाने दिया जाएगा।

थानाध्यक्ष संतोष पैथवाल ने बताया कि टूरिस्ट बस में आ रहे यात्रियों को नीलकंठ तक पहुंचने के लिए गरुड़चट्टी से शटल सेवा को लगाया गया है, जिसके माध्यम से यात्री और पर्यटक नीलकंठ मंदिर तक आवाजाही कर सकेंगे। उन्होंने स्थानीय बस और टूर ऑपरेटर से अपील करते की कि वह भी अपने माध्यमों से सभी को सूचित करें कि वीकेंड में बड़ी टूरिस्ट बस और ट्रक का आवागमन गरुड़चट्टी–नीलकंठ मार्ग पर प्रतिबंधित किया गया है। हालांकि स्थानीय वासियों को नियमित आवागमन करने के लिए लगाई गई सार्वजनिक बस सेवा पूर्व की भांति ही चलती रहेगी।

चंद्रभागा से जयराम आश्रम तक बैटरी चालित रिक्शा प्रतिबंधित

ऋषिकेश शहर में भी सप्ताहांत में चंद्रभागा से जयराम आश्रम तक बैटरी चालित रिक्शा वाहन प्रतिबंधित रहेंगे। इस व्यवस्था को शनिवार से लागू कर दिया गया है। यातायात प्रभारी अनवर खान ने बताया कि इस संबंध में भी बैटरी चालित रिक्शा एसोसिएशन से वार्ता की गई है। एसोसिएशनों ने सहमति प्रदान की है। इस रूट पर सप्ताहांत में सबसे अधिक जाम की समस्या रहती है। इस प्रयोग से काफी राहत रही।

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