म्यांमार में भूकंप के बाद 1000 से अधिक लोगों की मौत, थाईलैंड में 100 मज़दूर लापता

म्यांमार में शुक्रवार को आए भूकंप के कारण अब तक कम से कम 1002 लोगों की लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है और 2300 से अधिक लोग घायल हुए हैं.

ये जानकारी म्यांमार के मिलिट्री लीडरों ने दी है. कुछ घंटे पहले ही म्यांमार के सैन्य शासन प्रमुख मिन ऑन्ग हल्येंग ने कहा था कि मृतकों और घायलों की संख्या और बढ़ सकती है.

भूकंप केंद्र के सबसे नज़दीकी शहर मांडले में ही 694 लोगों की मौत हुई है. वहीं राजधानी नेपीडॉ में 94 लोगों की मौत हुई है.

म्यामांर में शुक्रवार को भूकंप के तेज़ झटके महसूस किए गए थे. भूकंप की तीव्रता 7.7 थी. इस भूकंप के झटके पड़ोसी देश थाईलैंड की राजधानी बैंकॉक तक महसूस किए गए थे. थाईलैंड में भूकंप के कारण 6 लोगों की मौत हुई है जबकि 100 मज़दूर लापता हैं.

भूकंप के झटकों से सैकड़ों मील दूर थाईलैंड की राजधानी बैंकॉक में एक 30 मंज़िला निर्माणाधीन इमारत गिर गई थी. इसमें अभी भी कई मज़दूरों के फंसे होने की आशंका है.

यूएस जियोलॉजिकल सर्वे के मुताबिक़ म्यांमार में भूकंप के पहले झटके के 12 मिनट के बाद ही दूसरा झटका आया. दूसरे भूकंप की तीव्रता 6.4 थी. इस भूकंप का केंद्र सागाइंग से 18 किलोमीटर दक्षिण में था.

म्यांमार के दूसरे बड़े शहर मांडले में बचाव दल के एक कर्मचारी ने बीबीसी को बताया कि भूकंप से भारी तबाही हुई है और सैकड़ों लोगों के मरने की आशंका है.

समाचार एजेंसी एपी के अनुसार, अमेरिकी जियोलॉजिकल सर्वे और जर्मनी के जीएफ़ज़ेड सेंटर फॉर जियोसाइंस ने कहा है कि भूकंप का केद्र म्यांमार में था.

एजेंसी के अनुसार, थाईलैंड की राजधानी बैंकाक में भी भूकंप के तेज़ झटके महसूस किए गए और वहां कई इमारतों को खाली कराया गया है.

अमेरिकी जियोलॉजिकल सर्वे ने इसे 7.7 तीव्रता का बताया है. जबकि चीन की सरकारी न्यूज़ एजेंसी शिन्हुआ ने चीन के चाइना अर्थक्वेक नेटवर्क्स सेंटर के हवाले से भूकंप की तीव्रता 7.9 बताई है.

म्यांमार के बड़े हिस्से में इमरजेंसी का एलान कर दिया गया है. अमेरिकी जियोलॉजिकल सर्वे के मुताबिक़ मरने वालों की संख्या हज़ारों में हो सकती है.

भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट कर हालात पर चिंता ज़ाहिर की है.

एक्स पर उन्होंने लिखा, “म्यांमार और थाईलैंड में भूकंप के बाद की स्थिति से चिंतित हूं. सभी की सुरक्षा और भलाई के लिए प्रार्थना करता हूं. भारत हर संभव सहायता देने के लिए तैयार है. इस संबंध में, हमने अपने अधिकारियों को तैयार रहने को कहा है. साथ ही विदेश मंत्रालय से म्यांमार और थाईलैंड की सरकारों के साथ संपर्क में रहने को कहा है.”

 

म्यांमार भूकंप

GETTY IMAGES

अमेरिकी जियोलॉजिकल सर्वे ने कहा है कि भूकंप का केंद्र धरती में 10 किलोमीटर नीचे था.

भूकंप का केंद्र बर्मा के मांडले शहर के पास था. ताज़ा तस्वीरों में दिख रहा है कि इरावजी नदी पर बना एक विशाल पुल ढह गया है. ऐसी भी ख़बरें हैं कि म्यांमार की राजधानी नेपीडॉ में सड़कों पर दरार आ गई है.

जबकि थाईलैंड की राजधानी बैंकॉक में भूंकप के झटकों के बाद गिरती इमारतों से लोग दूर भागते नज़र आ रहे हैं. एक वीडियो में दिख रहा है कि एक इमारत के स्वीमिंग पूल के पानी ऊंची लहर उठ रही है. सरकार एक इमर्जेंसी मीटिंग की कर रही है.

 

म्यांमार में भूकंप से क्षतिग्रस्त हुई एक सड़क
म्यांमार में भूकंप से क्षतिग्रस्त हुई एक सड़क

बैंकॉक में मौजूद पत्रकार ने क्या बताया

बैंकॉक में रहने वाली बीबीसी पत्रकार बुई थू ने बीबीसी वर्ल्ड सर्विस के न्यूज़डे प्रोग्राम में कहा कि जब भूकंप आया तो वह घर में खाना बना रही थीं.

उन्होंने कहा, “मैं बहुत घबरा गई थी. मुझे नहीं पता कि यह क्या था क्योंकि मुझे लगता है कि एक दशक हो गया जब बैंकॉक में इतना तेज़ भूकंप महसूस किया गया था.”

उन्होंने कहा, “मेरे अपार्टमेंट में मैंने कुछ दीवारों में दरारें देखीं और स्वीमिंग पूल से पानी छलक रहा था, लोग चिल्ला रहे थे.”

भूकंप के ऑफ़्टरशॉक के बाद वह और अन्य लोग सड़क की ओर भागे.

उन्होंने कहा, “हमारे आस-पास क्या हो रहा है, हम अभी समझने की कोशिश कर रहे हैं.”

“बैंकॉक में इमारतें भूकंपरोधी नहीं बनाई जाती हैं, मुझे लगता है कि इसलिए नुकसान अधिक हुआ है.”

 

भूकंप का केंद्र ज़मीन में कितना अंदर था

थाईलैंड में भूकंप
थाईलैंड में हुई तबाही की कई तस्वीरें आई हैं

बैंकॉक में मौजूद बीबीसी की टीम ने इमारतों को हिलते हुए महसूस किया और लोगों को सड़कों पर निकलते हुए देखा.

बीबीसी टीम ने कहा, भूकंप का झटका बहुत तेज़ था और खिड़की से, एक गगनचुंबी इमारत की ऊपरी मंज़िल से पानी सड़क पर गिर रहा था.

यूएसजीएस के अनुसार, भूकंप का केंद्र बर्मा के सागैंग शहर से 16 किमी उत्तर-पश्चिम में, मांडले शहर के पास स्थित था. यह राजधानी से लगभग 100 किमी उत्तर में स्थित है.

राजधानी में मौजूद एएफ़पी के पत्रकारों ने कहा कि भूकंप के झटकों के कारण सड़कें टूट गईं और छत से टुकड़े गिरने लगे.

चाइना डेली के अनुसार, चाइना अर्थक्वेक नेटवर्क्स सेंटर ने कहा है कि भूकंप का केंद्र धरती के 30 किलोमीटर अंदर था.

बैंकॉक में तबाही

थाईलैंड में भूकंप
बैंकॉक में कई इमारतों को खाली करा लिया गया है.

ये भी बताया जा रहा है कि भूकंप के तेज़ झटके दक्षिणपश्चिम चीन के यून्नान प्रांत तक भी महसूस किए गए हैं. कुछ तस्वीरों में एक बड़ा पुल म्यांमार की मुख्य नदी इरावजी में गिरता दिख रहा है.

ऐसी भी ख़बरें हैं कि नेपीडॉ में कई सड़कें टूट गई है या उनमें दरारें आ गई हैं.

थाईलैंड की राजधानी बैंकॉक म्यांमार के भूकंप के केंद्र वाली जगह करीब 1000 किलोमीटर दूर है. हालांकि, यहां भी इतना ज़ोरदार झटका महसूस किया गया है कि एक निर्माणाधीन इमारत के ढहने की खबर है.

पुलिस ने बताया है कि यहां कई लोग मलबे में दबे हुए हैं.

 

म्यांमार में भूकंप का इतिहास

थाईलैंड भूकंप
थाईलैंड भूकंप ज़ोन के अंदर नहीं आता इसलिए वहां निर्माण में भूकंप रोधी तकनीक का कम इस्तेमाल होता है.

म्यांमार से जो तस्वीरें आ रही हैं उसमें राजधानी नेपीडॉ की सड़कों पर दरारें दिख रही हैं.

हालांकि थाईलैंड के मुकाबले म्यांमार में अधिक भूकंप आते हैं.

एएफ़पी न्यूज़ एजेंसी के अनुसार, अमेरिकी जियोलॉजिकल सर्वे की रिपोर्ट कहती है कि साल 1930 से 1956 के बीच सागैंग फॉल्ड के पास रिक्टर पैमाने पर 7.0 की तीव्रता के छह भूकंप आए. यह फ़ॉल्ट देश के मध्य से होकर गुजरता है.

थाईलैंड भूकंप ज़ोन नहीं है और यहां महसूस किए गए सभी भूकंप पड़ोसी म्यांमार में आए.

बैंकॉक में इमारतों के निर्माण में भूकंपरोधी तकनीक का इस्तेमाल नहीं होता है, इसलिए यहां नुकसान अधिक हो सकता है.

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