सीएम निर्विवाद रूप से नीतीश कुमार ही होंगे, लेकिन मंत्री पदों की संख्या में भाजपा बाजी मार सकती है। सूत्रों का कहना है कि 15-16 मंत्री भाजपा के हो सकते हैं और जेडीयू के खाते में 14-15 जा सकते हैं।
बिहार में आठवीं बार एनडीए सरकार के लिए जनादेश मिला है। जनता ने 2010 जैसी सरकार बनाने का रास्ता साफ किया है। बस फर्क इतना है कि भाजपा अब पहले से भी ज्यादा मजबूत हो गई है और अब तक के इतिहास में सबसे ज्यादा 89 सीटें जीती हैं। यही कारण है कि इस बार भाजपा का सरकार में अपरहैंड रहने की संभावना ज्यादा है। सीएम निर्विवाद रूप से नीतीश कुमार ही होंगे, लेकिन मंत्री पदों की संख्या में भाजपा बाजी मार सकती है। सूत्रों का कहना है कि 15-16 मंत्री भाजपा के हो सकते हैं और जेडीयू के खाते में 14-15 जा सकते हैं। फिलहाल बैठकों का दौर जारी है।
दिल्ली से लेकर पटना तक भाजपा के सीनियर नेताओं और सहयोगी दलों के बीच बैठकें चल रही हैं। उपेंद्र कुशवाहा और जीतनराम मांझी ने धर्मेंद्र प्रधान और भाजपा महासचिव विनोद तावड़े से मुलाकात की है। मांझी के बेटे और उपेंद्र कुशवाहा की पत्नी को भी कैबिनेट में जगह दिए जाने की अटकलें हैं। एनडीए के लोगों का कहना है कि सरकार गठन में जाति, क्षेत्र समेत तमाम समीकरणों पर विचार किया जाएगा। एनडीए के सभी चार सहयोगी दलों की स्पष्ट राय है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ही होंगे और भाजपा से डिप्टी सीएम होंगे।
अब डिप्टी सीएम के लिए दो नामों की बात की जाए तो पहले सम्राट चौधरी होंगे, जो पहले भी इसी पद पर रहे हैं। वहीं विजय सिन्हा के स्थान पर इस बार किसी राजपूत नेता के नाम पर चर्चा चल रही है। हालांकि विजय कुमार सिन्हा भी अब तक रेस में रहने के लिए संघर्ष कर रहे हैं। रविवार को वह दिल्ली स्थित भाजपा दफ्तर भी पहुंचे थे। इस बीच भाजपा की नजर विधानसभा स्पीकर के पद पर भी है। इसके अलावा सरकार में वित्त, गृह और लोक निर्माण विभाग के मंत्रालय भी भाजपा अपने पास चाहती है। जीतनराम मांझी और उपेंद्र कुशवाहा के पास एक-एक मंत्री पद जा सकता है। इसके अलावा चिराग पासवान के खाते में तीन से 4 मंत्री पद जा सकते हैं।
इस बीच रस्साकशी चिराग पासवान की दावेदारी से हो सकती है। वे चाहते हैं कि डिप्टी सीएम का भी एक पद उन्हें मिल जाए। हालांकि भाजपा शायद ही उन्हें इतना महत्व दे। फिलहाल यही देखने लायक होगा कि एनडीए का हिस्सा बने किस दल को कितने मंत्री पद मिलेंगे।