ऋषिकेश।बीते वर्षों से लगातार आसपास क्षेत्र में अपनी आमद स्थाई कर चुके एकदंत जंगली गजराज के चोटिल होने की खबर है।प्राप्त जानकारी के अनुसार वन्यजीव प्रेमी एवं जैव विविधता समिति खदरी खड़क माफ के अध्यक्ष पर्यावरण विद विनोद जुगलान ने बताया कि बीते कई वर्षों से क्षेत्र में एक दाँत वाले जँगली हाथी के पैर घिसिर कर चलने की अपुष्ट जानकारी कुछ स्थानीय लोगों ने उन्हें दी।स्थानीयों का कथन है कि उन्होंने बड़े नजदीक से एक दाँत हाथी को नदी की ओर पैर घिसिर कर जाते हुए देखा।बाद में पग चिन्हों में तीन पद चिन्ह दिखाई दिए जबकि अगला दायाँ पैर घिसरने के निशान भी मिले।सूचना प्राप्ति के साथ ही उन्होंने शनिवार को वन क्षेत्राधिकारी देवेंद्र सिंह पुण्डीर को हाथी के चोटिल होने की पुष्टि करने और जँगली हाथी के उपचार के लिए वाइल्ड लाइफ को सूचित करने के लिए कहा।उधर दूसरी सुबह सुबह आईडीपीएल वीरभद्र स्थित जीएम आवास के समीप एक दाँत जँगली हाथी के आमद की सूचना मिली।सूचना पाते ही वनक्षेत्राधिकारी ऋषिकेश देवेंद्र सिंह पुण्डीर ने सुरक्षा की दृष्टि से टीम गठित कर मौके पर वन सुरक्षा कर्मियों को तैनात कर दिया।जहाँ गोलचक्कर के समीप जँगली हाथी द्वारा सुरक्षा तारबाड़ तोड़ी पाई गई।जल्द ही वन सुरक्षा कर्मियों द्वारा हाथी की लोकेशन ट्रेस कर ली गयी।चोटिल हाथी निकट जंगल में आराम करता पाया गया।सुरक्षा कर्मियों की आवाजाही की गंध से आराम फरमा रहे हाथी ने डराने के अंदाज में मॉक चार्ज कर वनकर्मियों को पास न आने के लिए सचेत किया। वन्यजीव छायाकार अखिल भण्डारी ने चोटिल हाथी को दूर से अपने कैमरे में कैद किया।वन्यजीव प्रेमी विनोद जुगलान ने कहा कि हाथी न केवल बूढ़ा हो चुका है बल्कि बीमार और अस्वस्थ लग रहे इस हाथी को कुछ वर्षों से आसपास के क्षेत्र में लगातार देखा जा रहा है।जिसका बांया दाँत नहीं है जबकि अगले दांए पैर में चोट लगी होने के पैर घिसिर कर चल रहा है,जबकि इसकी पूँछ भी छोटी है।वर्षो से ग्रामीण क्षेत्र में लगातार आमद के बाद भी अभी तक इसके द्वारा किसीको हताहत करने की कोई सूचना नहीं है।बूढ़ा होने के कारण यह एक दाँत हाथी भोजन की तलाश में आबादी क्षेत्र में घूमता रहता है।बीते वर्ष भनिया वाला में कूड़े दान में भोजन तलाशते हुए इस हाथी की तस्वीर सीसीटीवी कैमरे में कैद होगयी थी।उन्होंने कहा कि आमजन को अपनी रसोई और आयोजनों का बचा हुआ भोजन पॉलीथिन में भरकर बिल्कुल नहीं फेंकना चाहिए।इससे पालतू एवं जँगली जानवरों के जीवन पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है।उन्होंने कहा कि वन्यजीव प्रतिपालक को जँगली हाथी के बीमार होने का संज्ञान लेते हुये,उक्त हाथी के उपचार के लिए प्रबन्ध करना चाहिए।ताकि विलुप्त होते इस विशाल काय जीव को बचाया जा सके।मौके पर वन क्षेत्राधिकारी डीएस पुण्डीर के नेतृत्व में वन सुरक्षा कर्मियों के दल में डिप्टी रेंजर चन्द्र शेखर भट्ट,डिप्टी रेंजर राज पाल नेगी,अनुभाग अधिकारी वन दरोगा स्वयम्बर दत्त कण्डवाल,वन दरोगा सुनील भदोला,वनबीट अधिकारी ईश्वर सिंह गुसाईं,परवीन सिंह नेगी,धर्म सिंह राणा,महेंद्र सिंह,वन आरक्षी सुभाष बहुगुणा,चालक जितेन्द्र सिंह रावत,बीट सहायक देवेंद्र सिंह, ओम प्रकाश जोशी एवं पूर्व सैनिक विनोद सेमवाल,अनिल रावत एवं बड़ी संख्या में पीआरडी जवान तैनात हैं।–विप्र