क्राफ्ट डिमॉन्स्ट्रेशन सह जागरूकता कार्यक्रम का दूसरा दिन: हस्तशिल्प और योग का अनोखा संगम

पूर्णानंद डिग्री कॉलेज, ऋषिकेश में आयोजित तीन दिवसीय क्राफ्ट डिमॉन्स्ट्रेशन सह जागरूकता कार्यक्रम का दूसरा दिन पारंपरिक हस्तशिल्प, उद्यमशीलता और योग की गतिविधियों से सराबोर रहा। वस्त्र मंत्रालय, भारत सरकार के विकास आयुक्त (हस्तशिल्प) द्वारा प्रायोजित तथा मेसर्स ऋषिकेश नेचुरल फाइबर हैंडीक्राफ्ट्स प्रोड्यूसर कंपनी लिमिटेड द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम ने छात्रों, कारीगरों और स्थानीय समुदाय को कौशल विकास व सांस्कृतिक संरक्षण की दिशा में प्रेरित किया।

अतिथियों का संबोधन: स्थायी उद्यमिता पर जोर
कार्यक्रम में स्वामी पूर्णानंद डिग्री कॉलेज के निदेशक रतन कुमार श्रीवास्तव ने छात्रों और कारीगरों को संबोधित करते हुए कहा कि पारंपरिक हस्तशिल्प को संरक्षित करने और उसे आधुनिक बाजार से जोड़ने में ऐसे आयोजन महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। उन्होंने नवीन व्यावसायिक मॉडलों, सामुदायिक सहयोग और नीतिगत समर्थन को स्थायी उद्यमिता की अनिवार्य कड़ी बताया।
पूर्व सहायक निदेशक, डीआईसी देहरादून, एस.एस. नेगी ने भी हस्तशिल्प उद्योग में सतत विकास और संरक्षण की आवश्यकता पर बल देते हुए युवाओं को इस क्षेत्र में नए अवसर तलाशने के लिए प्रेरित किया।

विशेषज्ञों के साथ इंटरैक्टिव सत्र: सीख और संवाद का मंच
दूसरे दिन का मुख्य आकर्षण रहा उद्योग विशेषज्ञों और संसाधन व्यक्तियों के साथ आयोजित इंटरैक्टिव सत्र, जिसमें छात्रों ने हस्तशिल्प क्षेत्र से जुड़े अनुभवी विशेषज्ञों से सीधे संवाद स्थापित किया।
सत्र में शामिल संसाधन व्यक्तियों श्रीमती किरण भारद्वाज, हैंडलूम मास्टर श्रीमती विमला देवी, शिल्प रत्न पुरस्कार विजेता श्रीमती बीना पुंडीर और कंपनी निदेशक अनिल चंदोला ने छात्रों को प्राकृतिक रेशों की विशेषताओं, बाजार की मांग, उत्पाद डिजाइन, और उद्यमशीलता के अवसरों के बारे में विस्तृत जानकारी दी। विशेषज्ञों ने कहा कि हस्तशिल्प कला को आधुनिक बाजार के अनुरूप ढालकर युवा आत्मनिर्भरता की दिशा में महत्वपूर्ण कदम बढ़ा सकते हैं।

योग प्रदर्शन: सांस्कृतिक कल्याण का संदेश
कार्यक्रम में एक योग प्रैक्टिशनर द्वारा सांस्कृतिक कल्याण योग का विशेष प्रदर्शन किया गया, जिसने प्रतिभागियों को स्वास्थ्य, मनोबल और सांस्कृतिक विरासत के समन्वय का संदेश दिया। ऋषिकेश की ‘योग राजधानी’ की पहचान इस प्रस्तुति के माध्यम से और अधिक प्रभावी रूप से उभरी।

कारीगरों का लाइव डिमॉन्स्ट्रेशन और छात्रों की सहभागिता
सुबह 10 बजे से शाम 5 बजे तक चले कार्यक्रम में 20 कारीगरों ने प्राकृतिक रेशों से तैयार हस्तशिल्प का लाइव डिमॉन्स्ट्रेशन किया। स्कूल और कॉलेज के छात्रों ने स्टॉलों का भ्रमण कर उत्पाद निर्माण की प्रक्रिया को निकट से समझा। साथ ही, प्रतिभागियों को विशेषज्ञ मार्गदर्शन के अधीन बिज़नेस पिचिंग एवं नेटवर्किंग का भी अवसर मिला।

आत्मनिर्भर भारत की ओर सशक्त कदम
यह आयोजन भारत सरकार के कौशल विकास और उद्यमिता मिशन के अनुरूप युवाओं, छात्रों और कारीगरों को सशक्त बनाने का सार्थक प्रयास है। ऋषिकेश नेचुरल फाइबर हैंडीक्राफ्ट्स प्रोड्यूसर कंपनी लिमिटेड ने हस्तशिल्प क्षेत्र में स्थायी विकास को बढ़ावा देने की अपनी प्रतिबद्धता दोहराई।
कार्यक्रम के तीसरे दिन भी विभिन्न प्रशिक्षण सत्र, प्रदर्शनी और ज्ञानवर्धक गतिविधियाँ आयोजित की जाएँगी।

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