त्रिपुरा में कैसे चुनावी समीकरण बदल सकता है ‘ग्रेटर टिपरालैंड’ का मुद्दा?

आगामी त्रिपुरा विधानसभा चुनाव में एक बार फिर से ‘ग्रेटर टिपरालैंड’ का मुद्दा हावी है जो राज्य के चुनावी समीकरण बदल सकता है। शायद यही वजह है की राज्य और केंद्र की सत्ताधारी भाजपा सरकार इस मुद्दे का सावधानीपूर्वक हल निकलाने की कोशिश कर रही है। चुनाव से पहले गृह मंत्रालय ने ग्रेटर टिपरालैंड की मांग पर बातचीत के लिए क्षेत्रीय पार्टी टिपरा मोथा को आमंत्रित किया है। टिपरा मोथा पार्टी प्रमुख और शाही वंशज प्रद्योत माणिक्य देबबर्मा ने बुधवार को सोशल मीडिया पर इसकी पुष्टि की।

प्रद्योत माणिक्य देबबर्मा ने एक दिन पहले ही स्पष्ट किया था कि वह अपनी ‘ग्रेटर टिप्रालैंड’ की मांग पर लिखित समझौते के बिना किसी भी राजनीतिक दल के साथ गठबंधन नहीं करेगा। उनकी इस घोषणा के बाद प्रद्योत के नेतृत्व में टिपरा मोथा प्रतिनिधिमंडल ने बुधवार को नई दिल्ली में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के साथ बातचीत शुरू की है। बैठक के दौरान नॉर्थ ईस्ट डेमोक्रेटिक अलायंस (NEDA) के प्रमुख और असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा भी मौजूद थे। हालांकि बुधवार को दिल्ली की यात्रा कर रहे टिपरा मोथा के अधिकांश नेता बैठक और एजेंडे को लेकर चुप्पी साधे रहे।

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