पर्यावरण संरक्षण का संदेश देते है प्राकृतिक रेशों से बने हस्तशिल्प उत्पाद।

देहरादून में आयोजित द्रोण महोत्सव 2025 मेले में विभिन्न प्रकार के हस्तशिल्प उत्पादों की प्रदर्शनी लगी हुई है। इन उत्पादों में अधिकांश उत्पाद ऐसे है जिन्हे हम प्लास्टिक के बने उत्पादों के रूप में रोजमर्र्रा मे इस्तेमाल करते है। किंतु अगर हम प्लास्टिक की बनी चीजों के बजाय प्राकृतिक रेशों से बने ’बायोडिग्रेडेबल’ उत्पादों का इस्तेमाल करें तो हम प्लास्टिक से होने वाले प्रदूषण को रोक सकते है।
द्रोण महोत्सव 2025 में जूट बैग, भीमल चप्पल, जूट फाइल फोल्डर, चीनी मिट्टी के बने बर्तन, इत्यादी प्रकार की चीजे उपलब्ध है जिनका इस्तेमाल करके हम पर्यावरण संरक्षण में एक महत्वपूर्ण योगदान दे सकते है।

द्रोण महोत्सव 2025 का आयोजन भारतीय ग्रामोत्थान संस्था, नेशनल जूट बोर्ड, यूएचएचडीसी एवं अन्य विभागो के सहयोग से  देहरादून में किया जा रहा है। ये मेला सहस्त्रधारा रोड स्थित आशाराम बापू आश्रम के सामने लगाया गया है। द्रोण महोत्सव मेला 7 जनवरी से 16 जनवरी तक आयोजित किया जा रहा है। इस मेले में देश के लगभग 12 राज्यों से बुनकर और हस्तशिल्प प्रतिभाग कर रहे है। इनके द्वारा बनाए गए विभिन्न हैन्डीक्राफ्ट उत्पाद मेले में प्रदर्शित किये जाएंगे। ये उत्पाद बिक्री के लिए प्रदर्शित होंगे, जिन्हे आम जनता के सामने आत्मनिर्भर भारत का संदेश देने के लिए भी सजाया जा रहा है। मेले में आए लोगों के मनोरंजन के लिए विभिन्न प्रकार के सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन भी होगा। साथ ही बच्चों बड़ों के लिए झूले, विभिन्न फूड स्टाल भी लगाए गए है।

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