आरजी कर मामले में कलकत्ता हाईकोर्ट में सुनवाई; ममता सरकार-सीबीआई ने दोषी के लिए की फांसी की मांग

सीबीआई और राज्य सरकार दोनों ने दावा किया कि संजय रॉय को मृत्यु तक आजीवन कारावास की सजा सुनाने वाला सियालदह सत्र न्यायालय का आदेश नाकाफी है। उन्होंने अलग-अलग याचिका लगाकर दोषी को मृत्युदंड देने की मांग की है।

कलकत्ता हाईकोर्ट ने सोमवार को दो अलग-अलग अपीलों पर सुनवाई की। इसमें एक याचिका पश्चिम बंगाल सरकार और दूसरी सीबीआई की है। इनमें आरजी कर अस्पताल में दुष्कर्म और हत्या के दोषी संजय रॉय को मृत्यु तक आजीवन कारावास की सजा सुनाए जाने के निचली अदालत के आदेश को चुनौती दी गई है।

सीबीआई ने दावा किया है कि राज्य सरकार के अलावा उसे भी अपर्याप्त सजा के आधार पर निचली अदालत के आदेश को चुनौती देने का अधिकार है, क्योंकि वह मामले में जांच और अभियोजन एजेंसी थी। सीबीआई और राज्य सरकार दोनों ने दावा किया कि संजय रॉय को मृत्यु तक आजीवन कारावास की सजा सुनाने वाला सियालदह सत्र न्यायालय का आदेश नाकाफी है। उन्होंने अलग-अलग याचिका लगाकर दोषी को मृत्युदंड देने की मांग की है।

पश्चिम बंगाल सरकार का प्रतिनिधित्व कर रहे महाधिवक्ता किशोर दत्ता ने न्यायमूर्ति देबांगसु बसाक की अध्यक्षता वाली खंडपीठ के समक्ष राज्य की अपील को स्वीकार करने के लिए दिन की बहस शुरू की। उन्होंने दावा किया कि निचली अदालत के फैसले के खिलाफ अपील करने का अधिकार भी राज्य सरकार के पास है।

निचली कोर्ट ने क्या फैसला सुनाया?
इससे पहले आरजी कर मामले में 20 जनवरी को सजा का एलान कर दिया गया था। कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए दोषी संजय रॉय को उम्रकैद की सजा सुनाई थी। सियालदह अदालत ने संजय रॉय पर 50,000 रुपये का जुर्माना भी लगाया था। सियालदह कोर्ट के जज अनिरबन दास ने कहा था कि यह दुर्लभतम मामला नहीं है। पीड़ित परिवार को उसकी मौत के लिए 10 लाख रुपये मुआवजा और 7 लाख रुपये अतिरिक्त दिया जाना चाहिए।

क्या है मामला?
सियालदह की अदालत के अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश अनिर्बान दास ने शनिवार को संजय रॉय को पिछले साल नौ अगस्त को अस्पताल में स्नातकोत्तर प्रशिक्षु महिला चिकित्सक के साथ दुष्कर्म और हत्या का दोषी करार दिया था। इस जघन्य अपराध के कारण देश भर में आक्रोश फैल गया था और लंबे समय तक विरोध प्रदर्शन जारी रहा था।

10 अगस्त 2024 को गिरफ्तार किया गया था
संजय को आरजी कर अस्पताल के सेमिनार कक्ष में 31 वर्षीय चिकित्सक का शव पाए जाने के एक दिन बाद 10 अगस्त 2024 को गिरफ्तार किया गया था। न्यायाधीश ने भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की धारा 64, 66 और 103(1) के तहत उसे दोषी ठहराया था। रॉय को जिन धाराओं के तहत दोषी करार दिया गया था, उसमें उसे न्यूनतम आजीवन कारावास, जबकि अधिकतम मौत की सजा हो सकती है।

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