उत्तराखंड के हस्तशिल्प कारीगरों को उद्यमिता और निर्यात में सशक्त बना रहा उद्यमिता विकास कार्यक्रम

तपोवन, ऋषिकेश – उत्तराखंड के हस्तशिल्प कारीगरों को व्यवसाय प्रबंधन, निर्यात अवसरों और डिजिटल मार्केटिंग का प्रशिक्षण देने के लिए ऋषिकेश नैचुरल फाइबर हैंडीक्राफ्ट्स प्रोड्यूसर कंपनी लिमिटेड द्वारा आयोजित छह दिवसीय उद्यमिता विकास कार्यक्रम (EDP) का दूसरा दिन उपयोगी सत्रों और विशेषज्ञों की ज्ञानवर्धक चर्चाओं से भरपूर रहा।

यह कार्यक्रम विकास आयुक्त (हस्तशिल्प), वस्त्र मंत्रालय, भारत सरकार के सहयोग से सेरेनिटी होटल, तपोवन लक्ष्मणझूला, टिहरी गढ़वाल में आयोजित किया जा रहा है। इसमें जीएसटी, वित्तीय प्रबंधन, विपणन रणनीतियाँ, गुणवत्ता नियंत्रण, और ई-कॉमर्स के माध्यम से व्यवसाय बढ़ाने पर विशेषज्ञों ने जानकारी साझा की।

 

निर्यात बढ़ाने पर दिया जोर

कार्यक्रम के मुख्य सत्रों में से एक “उद्यमिता एवं निर्यात अवसर” पर केंद्रित था, जिसे अंतर्राष्ट्रीय व्यापार विशेषज्ञ श्री गोपाल शर्मा ने संबोधित किया। उन्होंने वैश्विक व्यापार में निर्यात के महत्व, व्यापार नीतियों (डब्ल्यूटीओ, मुक्त व्यापार समझौते आदि), प्रमुख अंतरराष्ट्रीय बाजारों और व्यापारिक रुझानों के बारे में जानकारी दी।

 

कारीगरों को आत्मनिर्भर बनने की प्रेरणा

कार्यक्रम के दौरान ऋषिकेश नैचुरल फाइबर हैंडीक्राफ्ट्स प्रोड्यूसर कंपनी लिमिटेड के निदेशक, श्री अनिल चंदोला ने 20 चयनित कारीगरों के लिए एक विशेष सत्र का आयोजन किया। उन्होंने हस्तशिल्प और प्राकृतिक फाइबर उत्पादों की वैश्विक मांग के बारे में चर्चा की और कारीगरों को डिजिटल मार्केटिंग, ब्रांडिंग और सरकारी सहायता योजनाओं का लाभ उठाने के लिए प्रेरित किया।

उन्होंने कहा कि “कारीगरों को नवाचार और कौशल विकास पर ध्यान देना चाहिए, ताकि वे अपने उत्पादों को अंतरराष्ट्रीय स्तर तक पहुँचा सकें।”

MSME क्षेत्र को बढ़ावा देने पर चर्चा

विशेष अतिथि श्रीमती गीता चंदोला, अध्यक्ष, भारतीय ग्रामोथान संस्था ने MSME क्षेत्र की भूमिका और सरकारी योजनाओं पर विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने उद्योग पंजीकरण (Udyam Registration), मुद्रा लोन, PMEGP और CGTMSE जैसी योजनाओं के बारे में बताते हुए कारीगरों को इनसे जुड़ने का आग्रह किया।

 

वैश्विक व्यापार में अवसर तलाशने का आह्वान

सत्र के दौरान निर्यात दस्तावेज़ीकरण, व्यापार नीतियाँ, कस्टम क्लीयरेंस, निर्यात वित्तीयन और जोखिम प्रबंधन जैसे विषयों पर भी चर्चा की गई, जिससे स्थानीय कारीगरों को वैश्विक व्यापार में अवसरों को पहचानने और उनका लाभ उठाने में मदद मिलेगी।

यह कार्यक्रम उत्तराखंड के कारीगरों को आत्मनिर्भर बनाने और उनके उत्पादों को राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाने के लिए एक महत्वपूर्ण पहल साबित हो रहा है। कार्यक्रम 25 फरवरी तक चलेगा और इसमें और भी महत्वपूर्ण विषयों पर चर्चा की जाएगी।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

nonono 1245 dog braces lovepluspet dog braces braces for a dog lovepluspet braces for dogs