उद्यमिता विकास कार्यक्रम के चौथे दिन व्यापार कौशल पर जोर

तपोवन-ऋषिकेश। उत्तराखंड के हस्तशिल्प कारीगरों और उद्यमियों को व्यवसायिक प्रशिक्षण देने के लिए ऋषिकेश नेचुरल फाइबर हैंडीक्राफ्ट्स प्रोड्यूसर कंपनी लिमिटेड द्वारा छह दिवसीय उद्यमिता विकास कार्यक्रम (EDP) का आयोजन किया जा रहा है। यह कार्यक्रम विकास आयुक्त (हस्तशिल्प), वस्त्र मंत्रालय, भारत सरकार के सहयोग से संचालित हो रहा है जिसका उद्देश्य कारीगरों को व्यापार प्रबंधन, डिजिटल मार्केटिंग और निर्यात संभावनाओं की जानकारी देना है।

चौथे दिन “उद्यमिता, लॉजिस्टिक्स और वितरण” विषय पर एक महत्वपूर्ण सत्र आयोजित किया गया, जिसका संचालन लॉजिस्टिक्स और वितरण विशेषज्ञ श्री शावेज़ बख्श ने किया। जिसमें  में उन्होंने सप्लाई चेन प्रबंधन, उत्पाद वितरण की दक्षता, और ई-कॉमर्स के माध्यम से बाजार विस्तार पर विस्तार से चर्चा की। उन्होंने बताया कि अगर कारीगरों को अपने उत्पादों को सही तरीके से बाजार में पहुँचाना है, तो लॉजिस्टिक्स और वितरण रणनीतियों की समझ जरूरी है।

कार्यक्रम के दौरान ऋषिकेश नेचुरल फाइबर हैंडीक्राफ्ट्स प्रोड्यूसर कंपनी लिमिटेड के निदेशक, श्री अनिल चंदोला ने 20 कारीगरों के लिए एक विशेष सत्र का आयोजन किया। उन्होंने हस्तशिल्प और प्राकृतिक फाइबर उत्पादों की बढ़ती वैश्विक मांग पर प्रकाश डालते हुए कारीगरों को डिजिटल मार्केटिंग, ब्रांडिंग और सरकारी योजनाओं का लाभ उठाने की सलाह दी। उन्होंने कहा, “हस्तनिर्मित और पर्यावरण के अनुकूल उत्पादों की मांग बढ़ रही है। यदि कारीगर आधुनिक तकनीकों और डिजिटल प्लेटफॉर्म का सही उपयोग करें, तो वे अपने व्यवसाय को नई ऊँचाइयों तक ले जा सकते हैं।”

कार्यक्रम में विशेष अतिथि श्री एस.एस. नेगी, पूर्व सहायक निदेशक, जिला उद्योग केंद्र देहरादून ने MSME (सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम) क्षेत्र के विकास में सरकार की विभिन्न योजनाओं पर जानकारी दी। उन्होंने उद्योग पंजीकरण (Udyam Registration), प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम (PMEGP), मुद्रा लोन, और डिजिटल मार्केटिंग जैसी योजनाओं पर प्रकाश डाला और बताया कि कैसे छोटे व्यवसाय इन योजनाओं का लाभ उठाकर अपनी उत्पादन क्षमता और बाजार पहुंच को बढ़ा सकते हैं।

कार्यक्रम के दौरान निर्यात दस्तावेजीकरण, व्यापार नीतियाँ, कस्टम क्लीयरेंस और वैश्विक बाजार की चुनौतियों पर भी चर्चा की गई। विशेषज्ञों ने इन्कोटर्म्स, निर्यात वित्तपोषण और जोखिम प्रबंधन जैसी जरूरी बातों पर जानकारी दी, जिससे कारीगर वैश्विक बाजार में अपने उत्पादों को निर्यात कर सकें।

यह उद्यमिता विकास कार्यक्रम उत्तराखंड के हस्तशिल्प कारीगरों के लिए एक सुनहरा अवसर साबित हो रहा है। इसमें न केवल कारीगरों को आधुनिक व्यापार तकनीकों की जानकारी दी जा रही है, बल्कि उन्हें अपने व्यवसाय को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर स्थापित करने के लिए जरूरी मार्गदर्शन भी मिल रहा है।

कार्यक्रम के आयोजकों ने कहा कि “यह पहल कारीगरों को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। हम चाहते हैं कि उत्तराखंड के पारंपरिक हस्तशिल्प उत्पादों को वैश्विक पहचान मिले और हमारे कारीगर आर्थिक रूप से सशक्त बनें।” कार्यक्रम के आगामी सत्रों में और भी महत्वपूर्ण विषयों पर चर्चा की जाएगी।

 

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