तपोवन, ऋषिकेश– उत्तराखंड के हस्तशिल्प उद्योग को सशक्त बनाने के उद्देश्य से आयोजित छह दिवसीय उद्यमिता विकास कार्यक्रम (EDP) का सफल समापन हुआ। यह कार्यक्रम ऋषिकेश नेचुरल फाइबर हैंडीक्राफ्ट्स प्रोड्यूसर कंपनी लिमिटेड द्वारा आयोजित किया गया था, जिसे विकास आयुक्त (हस्तशिल्प), वस्त्र मंत्रालय, भारत सरकार का सहयोग प्राप्त था।
मंगलवार को कार्यक्रम में कराधान और वित्तीय प्रबंधन पर सत्र आयोजित किए गए। इसके अलावा, कार्यक्रम में भाग लेने वाले 20 हस्तशिल्प कारीगरों को प्रमाण पत्र वितरित किए गए। कार्यक्रम के दौरान जीएसटी और वित्तीय प्रबंधन पर एक सत्र हुआ, जिसमें विशेषज्ञ अनिल कुकरेती ने कारीगरों को वित्तीय योजना, कराधान और अनुपालन की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि सही वित्तीय प्रबंधन से कारीगर अपने व्यवसाय को आगे बढ़ा सकते हैं। विशेष अतिथि गीता चंदोला, अध्यक्ष, भारतीय ग्रामोत्थान संस्था, ढालवाला ने कारीगरों को स्वरोजगार अपनाने और अपने उत्पादों को बाजार में सही रणनीति से बेचने पर जोर दिया। उन्होंने डिजिटल प्लेटफॉर्म और सरकारी योजनाओं के उपयोग के बारे में जानकारी दी। एस.एस. नेगी, पूर्व सहायक निदेशक, डीआईसी देहरादून ने एमएसएमई क्षेत्र में सरकारी सहायता और ऋण योजनाओं की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि उद्योग पंजीकरण और डिजिटल मार्केटिंग से व्यवसाय को आगे बढ़ाया जा सकता है। विशेषज्ञों ने अंतरराष्ट्रीय व्यापार और निर्यात से जुड़ी प्रक्रियाओं पर जानकारी दी। कारीगरों को निर्यात दस्तावेज, व्यापार नीतियां और जोखिम प्रबंधन के बारे में बताया।
कार्यक्रम के अंत में 20 लाभार्थियों को सर्टिफिकेट वितरित किये गए। ऋषिकेश नेचुरल फाइबर प्रोड्यूसर कंपनी के अयोजको ने कहा कि महिलाओं को आत्मनिर्भर और सशक्त बनाने के लिए भविष्य में ऐसे प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किये जाऐंगे।
कार्यक्रम में अनिल कुकरेती, बीना पुंडीर, गीता चंदोला, अमित डोभाल, एम एस नेगी, विमला चौहान आदि उपस्थित रहे।